ईडी ने किया गिरफ्तार तो बिगड़ी ममता के मंत्री की तबीयत, कोर्ट में बोले- डॉक्टर बुलाइए, फिर हो गए बेहोश
कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मंत्री ज्योतिप्रिय मलिक (Jyotipriya Mallick) को हाई ब्लड शुगर और गुर्दे की समस्याओं के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. अदालत में सुनवाई के दौरान बेहोश हुए मलिक को कथित राशन वितरण घोटाला मामले में केंद्रीय एजेंसी द्वारा गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार को 10 दिन के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया गया. अस्पताल ने एक बुलेटिन में कहा कि मलिक (66) की हालत फिलहाल स्थिर है और उन्हें करीबी निगरानी और जांच के लिए भर्ती कराया गया है.
बुलेटिन में कहा गया है कि उनका सीटी स्कैन, एमआरआई और रक्त जांच की गई. इससे पूर्व एक अधिकारी ने बताया था कि राज्य के वन मंत्री यहां बैंकशाल अदालत के अंदर सुनवाई के दौरान बेहोश हो गए और उन्हें तत्काल चिकित्सा देखभाल के लिए एक अस्पताल ले जाया गया. तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मलिक (65) को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की धारा 19 और 3 के तहत प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया है. ईडी ने गुरुवार को उनकी संपत्तियों की तलाशी ली थी. इसके बाद मलिक से लगभग 20 घंटे तक पूछताछ की गई.
ज्योतिप्रिय मलिक पद पर रहते हुए गिरफ्तार होने वाले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मंत्रिमंडल के चौथे सदस्य हैं. ED की एक टीम ने उन्हें कोलकाता के साल्ट लेक में उनके आवास से हिरासत में लिया फिर शाम को उनकी गिरफ्तारी की बात कही. प्रवर्तन निदेशालय ने मलिक पर जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया गया है. ज्योतिप्रिय मलिक को कल दोपहर में अदालत में पेश किया गया तो उन्हें उल्टी आई और वह बेहोश हो गए, जिसके बाद उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलों के बाद, मलिक एक बार फिर अपनी तबीयत के बारे में बोलने के लिए खड़े हुए. इसके बाद वह अपनी कुर्सी पर गिर पड़े.
उनकी बेटी प्रियदर्शिनी, जो माइक्रोबायोलॉजी की प्रोफेसर हैं, वह अपने पिता के पास दौड़ीं. यह तब हुआ जब मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट तनुमोय करमाकर ने उनसे पूछा कि क्या ईडी ने उन पर दबाव डाला है या उन्हें प्रताड़ित किया है? तो उन्होंने कहा कि उन्हें चिकित्सा की आवश्यकता है. उन्होंने कहा, ‘मेरे डॉक्टरों ने मुझे हर दिन 10,000 कदम चलने के लिए कहा है. मुझे अपने ब्लड शुगर को नियंत्रण में रखने के लिए ऐसा करना होगा. अगर मैं ऐसा नहीं करता हूं तो मेरे पैर सूजने लगते हैं.’ कुछ अधिकारियों ने उनके चेहरे पर पानी छिड़का, तब मलिक को होश आ गया. इसके बाद उन्हें उल्टी होने लगी.
ईडी जांच अधिकारी ने कहा कि एजेंसी उन्हें ‘विशेष मामले के रूप में’ उनकी पसंद के अस्पताल में भर्ती कराने के लिए तैयार थी. उन्हें अस्पताल ले जाया गया. सुनवाई के दौरान ईडी के वकील फिरोज एडुल्जी ने आरोप लगाया कि मुख्य आरोपी बकीबुर रहमान ने ज्योतिप्रिय मलिक के कहने पर तीन कंपनियों को पैसे ट्रांसफर किए थे. रहमान ने कथित तौर पर पीडीएस खाद्यान्न की चोरी की और इसे राज्यव्यापी नेटवर्क के माध्यम से खुले बाजार में बेच दिया. मलिक की बेटी और पत्नी 2015 तक तीन कंपनियों की निदेशक थीं. वह उस समय खाद्य मंत्री थे.
उन्होंने कथित तौर पर रहमान को ऋण के रूप में फर्मों को पैसे ट्रांसफर करने के लिए कहा था. जबकि उनकी बेटी और पत्नी मणिदीपा ने कंपनियों के साथ किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया. ईडी ने दावा किया कि उन्हें तीनों फर्मों के टिकट और मुहरें मिली हैं जो साबित करती हैं कि वे निदेशक थे. ईडी ने रहमान द्वारा ‘एमआईसी’ नामक व्यक्ति को 12 लाख रुपये के भुगतान का भी उल्लेख किया है. मलिक के वकील श्यामल घोष ने कहा कि मल्लिक के खिलाफ आरोप निराधार हैं. उन्होंने कहा, ‘ईडी के रिमांड नोट में कुछ भी ठोस नहीं है. वे सह-अभियुक्त के बयान के आधार पर एक व्यक्ति को गिरफ्तार करने की कोशिश कर रहे हैं. यह बिल्कुल अस्वीकार्य है.’
ज्योतिप्रिय मलिक का पक्ष लेते हुए टीएमसी नेतृत्व ने केंद्र की भाजपा सरकार पर राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाया. मीडियाकर्मियों से बात करते हुए राज्य की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री शशि पांजा ने कहा, ‘भाजपा राष्ट्रीय स्तर पर अपनी जमीन खो रही है और बंगाल में उसके पास कोई राजनीतिक जगह नहीं बची है. कल जब छापेमारी चल रही थी तब भी एक बीजेपी विधायक हमारे साथ शामिल हो गए. अब, भाजपा के पास केवल दो हथियार बचे हैं- ईडी और सीबीआई. टीएमसी पर निशाना साधा जा रहा है. यह कदम (मल्लिक को गिरफ्तार करने का) राजनीतिक रूप से सुनियोजित है.’
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FIRST PUBLISHED : October 28, 2023, 09:06 IST